झारखंड: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने झारखंड में एक बड़ा सियासी दांव खेला है। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के वरिष्ठ नेता चंपई सोरेन ने बीजेपी का दामन थाम लिया है। उन्होंने बुधवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा से इस्तीफा दे दिया। चंपई सोरेन पार्टी की कार्यशैली और नीतियों से असंतुष्ट थे। इसलिए उन्होंने यह कदम उठाया। इसके साथ ही, चंपई सोरेन ने झारखंड विधानसभा से विधायक और झारखंड कैबिनेट से मंत्री पद से भी इस्तीफा दे दिया।
बीजेपी के लिए नई उम्मीदें
चंपई सोरेन का बीजेपी में शामिल होना पार्टी के लिए एक बड़ा मौका है। वह झारखंड के दक्षिणी क्षेत्र में हो और मुंडा जनजातियों के बीच बेहद लोकप्रिय हैं। उनकी लोकप्रियता बीजेपी के लिए एक ताकत बन सकती है। खासकर, आगामी 2024 के झारखंड चुनाव में।
पार्टी में बढ़ते कलह के बीच
हालांकि, चंपई सोरेन का बीजेपी में आना पार्टी के अंदर कलह को और बढ़ा सकता है। बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता, विशेषकर प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, इस घटनाक्रम से असहज हो सकते हैं। चंपई सोरेन की बढ़ती ताकत और उन्हें मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने की संभावना पार्टी में गुटबाजी को हवा दे सकती है।
चुनौतीपूर्ण सियासी दांव
बीजेपी का यह सियासी दांव, महाराष्ट्र की तर्ज पर अपनाया गया है। लेकिन इसके परिणाम झारखंड में पार्टी के भविष्य पर गहरा असर डाल सकते हैं। अब देखना यह है कि चंपई सोरेन की यह राजनीतिक यात्रा बीजेपी के लिए कितनी फायदेमंद होती है, और पार्टी में आंतरिक कलह को कैसे संभाला जाएगा।
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